कुंभ विवाह

कुंभ विवाह – एक विस्तृत मार्गदर्शन

भारतीय ज्योतिषशास्त्र और परंपराओं में कुछ ऐसे संस्कार और उपाय बताए गए हैं जो व्यक्ति के जीवन की कठिनाइयों को दूर करते हैं। इन्हीं में से एक है कुंभ विवाह । यह एक विशेष धार्मिक प्रक्रिया है जो मांगलिक दोष या अन्य ग्रह दोष वाले लोगों के लिए की जाती है, जिनकी कुंडली होती है। मान्यता है कि कुंभ विवाह करने से वैवाहिक जीवन की आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और विवाह सुखमय बनता है।

कुंभ विवाह

कुंभ विवाह क्या है?

कुंभ विवाह एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें मांगलिक जातक का विवाह पहले एक कुंभ (घड़ा), पीपल का वृक्ष या भगवान विष्णु की मूर्ति से कराया जाता है। इसके बाद वास्तविक विवाह संपन्न होता है। ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया से मंगल दोष या अन्य ग्रह बाधाओं का निवारण होता है।

कुंभ विवाह की आवश्यकता क्यों पड़ती है?

कई बार जन्म कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति सातवें भाव (विवाह भाव) में होती है। इसे मांगलिक दोष भी कहते हैं। इस दोष के कारण:

विवाह में देरी होती है।

पति-पत्नी के बीच कलह होता है।

वैवाहिक जीवन अस्थिर हो सकता है।

स्वास्थ्य और आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकते हैं।

इन सभी नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करने के लिए कुंभ विवाह कराया जाता है।

कुंभ विवाह की प्रक्रिया

कुंभ विवाह की प्रक्रिया को अत्यधिक पवित्रता और विधि-विधान के साथ किया जाता है। इसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:

शुभ मुहूर्त का चयन 

 सबसे पहले कुंडली देखकर शुभ तिथि और मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है।

पूजा सामग्री की तैयारी 

कलश, नारियल, पीपल का वृक्ष या भगवान विष्णु की प्रतिमा, फूल, माला, धूप, दीप, आदि सामग्री एकत्रित की जाती है।

व्रत और संकल्प 

पंडित जी द्वारा मांगलिक जातक से संकल्प दिलाया जाता है कि वह दोष निवारण हेतु कुंभ विवाह कर रहे हैं।

कुंभ विवाह संपन्न 

जातक का विवाह पहले कलश या पीपल वृक्ष से विधिपूर्वक कराया जाता है।

दोष निवारण 

इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद जातक का मंगल दोष शांत हो जाता है।

कुंभ विवाह के लाभ

कुंभ विवाह के कई लाभ बताये गए हैं, जिनमें सर्वाधिक हैं:

वैवाहिक जीवन की बाधाएँ समाप्त होती हैं

विवाह में देरी रुकती है और शीघ्र ही विवाह के योग बनते हैं

पति-पत्नी के बीच आपसी सामंजस्य बढ़ता है

वैवाहिक जीवन सुखमय और समृद्ध बनता है

ग्रह दोषों का निवारण होता है

कुंभ विवाह कहाँ कराया जाए?

कुंभ विवाह किसी भी पवित्र स्थल पर कराया जाता है, परंतु विशेषकर त्र्यंबकेश्वर (Trimbakeshwar), नासिक को इस उद्देश्य अत्यंत शुभ माना गया है। यहाँ कई विद्वान और अनुभवी पंडितगण कुंभ विवाह और अन्य दोष निवारण पूजाएँ कराते हैं।

निष्कर्ष

कुंभ विवाह एक प्राचीन और प्रभावी वैदिक उपाय है, जो मांगलिक दोष और विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करने में अत्यंत सहायक माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है और विवाह में कठिनाइयाँ आ रही हैं, तो अनुभवी और योग्य गुरुजी की देखरेख में यह अनुष्ठान अवश्य कराएँ।

त्र्यंबकेश्वर में पंडित शिवेंद्र गुरु जी को कुंभ विवाह, कालसर्प दोष पूजा और दूसरे धार्मिक अनुष्ठानों का सबसे बेहतर विशेषज्ञ माना जाता है। उनकी गहरी विद्वता और वर्षों का अनुभव उन्हें कालसर्प पूजा के लिए त्र्यंबकेश्वर के उत्कृष्ट पंडित बनाता है। 

लेखक: शिवेंद्र गुरु जी

सटीक और प्रामाणिक पूजा के लिए, शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित हैं। वर्षों के अनुभव और बेजोड़ आध्यात्मिक अनुशासन के साथ, वे सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक अनुष्ठान सटीकता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा के साथ किया जाए।

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कुंभ विवाह जुड़े सामान्य प्रश्न

कुंभ विवाह किन लोगों के लिए आवश्यक है?

कुंभ विवाह मुख्यतः मांगलिक जातक लोग के लिए होता है। इसके अतिरिक्त, जिनकी कुंडली में ग्रह दोष के कारण विवाह में परेशानी होती है, उनके लिए भी यह हानिकारक नहीं है।

कुंभ विवाह कितनी आयु में कराया जा सकता है?

कुंभ विवाह किसी भी उम्र में कराया जा सकता है, लेकिन विवाह के पहले व्यक्ति को कराना सबसे अच्छा है।

क्या कुंभ विवाह के बाद दोबारा विवाह करना पड़ता है?

हाँ, कुंभ विवाह दोष निवारण के लिए किया जाता है। वास्तविक विवाह बाद में होता है।

कुंभ विवाह में कितना समय?

पूरी विधि-विधान के साथ यह अनुष्ठान करीब 2–3 घंटे में पूर्ण हो जाता है।

कुंभ विवाह का आर्थिक खर्च क्या होता है?

यह स्थान, पंडित और सामग्री पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर खर्च 10,000 से 25,000 रुपये तक हो सकता है।

क्या कुंभ विवाह करने से वास्तव में दोष समाप्त हो जाते हैं?

हाँ, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंभ विवाह करने से मांगलिक दोष और अन्य ग्रह बाधाएँ शांत हो जाती हैं।

Reference :

https://latestweddingtips.com/hindi/kumbh-vivah-kaise-hota-hai/

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