कालसर्प दोष

कालसर्प दोष: कारण, लक्षण, प्रभाव और उपाय

वैदिक ज्योतिष में कालसर्प दोष को बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रभावशाली दोष माना गया है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब कालसर्प दोष का निर्माण होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई बाधाएँ, मानसिक तनाव, आर्थिक संकट और पारिवारिक समस्याएँ पैदा करता है।

कालसर्प दोष के चक्रव्याप्ति के कारण व्यक्ति को बार-बार असफलता, मानसिक अशांति, करियर में रुकावट और वैवाहिक जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।

कालसर्प दोष

कालसर्प दोष के कारण

पूर्वजों के कर्म (पितृ दोष से संबंध) 

 कई बार यह दोष पूर्वजों के अधूरे कर्म या असंतुष्ट आत्माओं के कारण बनता है। 

जन्म के समय ग्रह स्थिति 

 जब जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच अन्य सभी ग्रह स्थित होते हैं।

आध्यात्मिक कारण 

 माना जाता है कि व्यक्ति के पिछले जन्म के अधूरे कर्म भी इसका कारण हो सकते हैं।

कालसर्प दोष के प्रकार

कालसर्प दोष 12 प्रकार का होता है, जिनमें प्रमुख हैं:

अनंत कालसर्प दोष

कुलिक कालसर्प दोष

वासुकी कालसर्प दोष

शंखपाल कालसर्प दोष

पदम कालसर्प दोष

महापद्म कालसर्प दोष

तक्षक कालसर्प दोष

कर्कोटक कालसर्प दोष

शंखचूड़ कालसर्प दोष

घातक कालसर्प दोष

विषधर कालसर्प दोष

शेषनाग कालसर्प दोष

प्रत्येक प्रकार का दोष जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों को प्रभावित करता है, जैसे स्वास्थ्य, विवाह, करियर, धन, और संतान सुख।

कालसर्प दोष के लक्षण

बार-बार असफलता मिलना

मानसिक तनाव और बेचैनी

धन की कमी और कर्ज़ बढ़ना

पारिवारिक कलह और वैवाहिक समस्याएँ

करियर में रुकावट

संतान प्राप्ति में कठिनाई

धार्मिक कार्यों में बाधा

कालसर्प दोष के प्रभाव

आर्थिक जीवन 

व्यक्ति को धन संबंधी समस्याएँ झेलनी पड़ती हैं।

वैवाहिक जीवन

 दांपत्य जीवन में असंतोष और विवाद बना रहता है।

करियर और नौकरी 

नौकरी में अस्थिरता, व्यापार में हानि।

स्वास्थ्य 

 अनिद्रा, मानसिक तनाव और बार-बार बीमार रहना।

सामाजिक जीवन 

 समाज में मान-सम्मान प्राप्त करने में कठिनाई।

कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय

कालसर्प दोष पूजा – त्र्यंबकेश्वर (नासिक) और उज्जैन जैसे पवित्र स्थलों पर विशेष पूजा करवाना।

मंत्र जाप

 महामृत्युंजय मंत्र और राहु-केतु मंत्र का जाप।

रुद्राभिषेक 

भगवान शिव की विशेष पूजा कराना।

दान

 राहु और केतु से जुड़ी चीजों का दान करना (जैसे काले तिल, उड़द, लोहे की चीज़ें)।

नाग पूजा 

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा और मंदिर में नाग-नागिन की मूर्ति स्थापित करना।

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा का महत्व

त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र को कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान माना गया है। यहाँ भगवान शिव के आशीर्वाद से पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ की गई पूजा तुरंत फलदायी होती है और जातक को शीघ्र राहत मिलती है।

निष्कर्ष

कालसर्प दोष जीवन में अलग-अलग तरह की कठिनाइयाँ और बाधाएँ लाता है, लेकिन पूजा और सही उपाय से इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। त्र्यंबकेश्वर में की गई पूजा विशेष रूप से फलतामूल्य होती है।

अगर आपको कालसर्प दोष है और इसके समाधान की तलाश है, तो शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा करने के लिए सबसे श्रेष्ठ और अनुभवी पंडित हैं। उनकी विद्वता और सही विधि से कराई गई पूजा से हजारों भक्तों को लाभ प्राप्त हुआ है।

लेखक: शिवेंद्र गुरु जी

सटीक और प्रामाणिक पूजा के लिए, शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित हैं। वर्षों के अनुभव और बेजोड़ आध्यात्मिक अनुशासन के साथ, वे सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक अनुष्ठान सटीकता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा के साथ किया जाए।

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कालसर्प दोष से जुड़े सामान्य प्रश्न

कालसर्प दोष कब बनता है?

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब कालसर्प दोष बनता है।

क्या हर किसी पर कालसर्प दोष का प्रभाव समान होता है?

नहीं, इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली, ग्रह स्थिति और दशा-अंतर्दशा पर निर्भर करता है।

कालसर्प दोष पूजा कहाँ करनी चाहिए?

त्र्यंबकेश्वर (नासिक) और उज्जैन इस पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ स्थान हैं।

कालसर्प दोष के इलाज कितने समय तक कारगर रहते हैं?

 सही तरीके से पूजा करवाने पर इसका प्रभाव अच्छे लंबे समय तक रहता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।

क्या कालसर्प दोष से पूर्णतया मुक्ति हो सकती है?

 हाँ, योग्य और अनुभवी पंडित के हाथों सही विधि से पूजा करवाने पर जातक को कालसर्प दोष से मुक्ति हो सकती है।

Reference :

https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/grah-nakshatra-in-hindi/kaal-sarp-dosh-puja-benefits-symptoms-puja-vidhi-kaal-sarp-dosh-ke-upay/articleshow/100844490.cms

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