वैदिक ज्योतिष में कालसर्प दोष को एक प्रमुख दोष के रूप में माना गया है। जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाएं, उस समय कालसर्प योग या कालसर्प दोष बनता है। यह दोष जीवन में कई बाधाओं, मानसिक तनाव, वित्तीय कठिनाइयों, विवाह में समयबाजी और स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में कालसर्प दोष निवारण के लिए मंत्र जाप और पूजा बहुत प्रभावी मानी जाती है।
इस लेख में हम कालसर्प दोष मंत्रों, उनका महत्व, जप विधि, लाभ और पूजा से संबंधित प्रश्नों का विस्तृत वर्णन करेंगे।

कालसर्प दोष मंत्र का महत्व
मंत्रों का हमारे जीवन पर गहरा असर होता है। वैदिक परंपरा में मंत्रों को दिव्य ऊर्जा का स्रोत माना गया है।
कालसर्प दोष मंत्र का जाप करने से राहु-केतु की अशुभता कम होती है
यह मंत्र साधक को मानसिक शांतिऔर सकारात्मक ऊर्जा देता है।
जीवन में उत्पन्न होने वाली अवरोध और संकट दूर होते हैं।
परिवार और करियर में स्थिरता और उन्नति मिलती है।
प्रमुख कालसर्प दोष मंत्र
1. महामृत्युंजय मंत्र
कालसर्प दोष निवारण के लिए **महामृत्युंजय मंत्र** का जाप सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है। यह शिव मंत्र व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है।
2. कालसर्प दोष विशेष मंत्र
“ॐ भुजंगाय विध्महे सर्पराजाय धीमहि तन्नो नागः प्रचोदयात्।”
राहु-केतु के दुष्प्रभाव कम होने के लिए इस मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए।
3. राहु मंत्र
“ॐ रां राहवे नमः।”
राहु की शांति के लिए यह मंत्र बहुत महत्वपूर्ण है।
4. केतु मंत्र
“ॐ कें केतवे नमः।”
केतु के दोष को शांत करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।
मंत्र जाप की विधि
1. स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनने से पहले जप प्रारंभ करें।
2. पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठें।
3. मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
4. प्रतिदिन कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें।
5. सोमवार या नाग पंचमी जैसे विशेष दिनों पर जाप का अधिक फल प्राप्त होता है।
6. जाप के समय मन को एकाग्र करने के लिए और शिवजी का ध्यान करें।
कालसर्प दोष जाप के लाभ
राहु-केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति।
धन, करियर और शिक्षा में सफलता।
*वैवाहिक जीवन में सुख-शांति।
मानसिक और शारीरिक तनाव से राहत।
शत्रु बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा।
जीवन में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का विकास।
निष्कर्ष
कालसर्प दोष अनेक प्रकार की बाधाओं और कठिनाइयों का कारण बनता है। इससे मुक्ति प्राप्त करने के लिए कालसर्प दोष मंत्र जाप और त्र्यंबकेश्वर में विशेष पूजा सबसे अच्छा उपाय है। यदि आप कालसर्प दोष से ग्रसित हैं तो समय पर उपाय करना चाहिए।
त्र्यंबकेश्वर में शिवेंद्र गुरु जी को सर्वश्रेष्ठ व अनुभवी पंडित माना जाता है जो कालसर्प पूजा के लिए करते हैं। वे विधि-विधान से पूजा कराके साधक के जीवन से दोषों का निवारण कर सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। यदि आप कालसर्प दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो शिवेंद्र गुरु जी से पूजा अवश्य कराएं।
लेखक: शिवेंद्र गुरु जी
सटीक और प्रामाणिक पूजा के लिए, शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित हैं। वर्षों के अनुभव और बेजोड़ आध्यात्मिक अनुशासन के साथ, वे सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक अनुष्ठान सटीकता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा के साथ किया जाए।
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कालसर्प दोष मंत्र से जुड़े सामान्य प्रश्न
कालसर्प दोष मंत्र कब करना चाहिए?
इसे सुबह सूर्योदय के बाद या रात को शांत वातावरण में करना सबसे उत्तम होता है।
क्या मंत्र जाप से ही कालसर्प दोष दूर हो जाता है?
मंत्र जाप से दोष कम होता है, फिर भी पूर्ण शांति हेतु विशेषज्ञ पंडित द्वारा पूजा करना निहायत जरूरी है।
कालसर्प दोष पूजा के लिए सर्वोत्तम स्थान क्या है?
नासिक का त्र्यंबकेश्वर मंदिर कालसर्प दोष पूजा के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है।
पूजा के लिए कितना समय लगता है?
यह पूजा आमतौर पर 2 से 3 घंटे में पूरी हो जाती है।
कालसर्प दोष पूजा किसकी करवाएं?
यह पूजा सिर्फ योग्य और अनुभवी गुरुजन से करवानी चाहिए, ताकि विधि-विधान से पूजा संपन्न हो जाए।
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