कालसर्प योग निवारण

कालसर्प योग निवारण : कारण, उपाय और लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प योग व्यक्ति के जीवन में बहुत कठिनाइयों और बाधाओं का कारण होता है। कालसर्प योग तब लगता है जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। कालसर्प योग के कारण व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, शास्त्रों में इसका समाधान बताया ही गया है। सही पूजा और अनुष्ठान से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।

कालसर्प योग निवारण

कालसर्प योग के लक्षण

  • जीवन में बार-बार असफलताएँ
  • मानसिक अशांति और भय
  • आर्थिक कठिनाई और कर्ज
  • विवाह और संतान संबंधी समस्या
  • करियर में रुकावट और बाधाएँ

कालसर्प योग के प्रभाव

स्वास्थ्य पर असर 

 बार-बार बीमार होना और मानसिक तनाव।

करियर में बाधा 

 नौकरी और व्यवसाय में रुकावट।

संबंधों में तनाव 

 परिवार और दांपत्य जीवन में असंतोष।

आध्यात्मिक जीवन में रुकावट 

 पूजा-पाठ और भक्ति में मन न लगना।

कालसर्प योग निवारण के उपाय

1. घरेलू उपाय

  • दिन में एक बार भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
  • ॐ नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन की पूजा करें।
  • पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएँ।

2. दान और सेवा

  • राहु-केतु के लिए तिल, उड़द और नीले वस्त्र का दान करें।
  • गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें।

3. विशेष पूजा और अनुष्ठान

  • त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में कालसर्प योग निवारण पूजा सबसे प्रभावी मानी जाती है.
  • इस पूजा में संकल्प, हवन, नाग पूजा, पितृ शांति और राहु-केतु शांति कराई जाती है।
  • पूजा करने से दोष का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।

कालसर्प योग पूजा से मिलने वाले लाभ

  1. मानसिक शांति और आत्मविश्वास की वृद्धि।
  2. करियर और व्यवसाय में सफलता।
  3. परिवार में प्रेम और आपसी सहयोग।
  4. स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति।
  5. आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति।

कालसर्प योग पूजा त्र्यंबकेश्वर में क्यों विशेष है?

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा असाधारण है। यह स्थल भगवान शिव की आराधना और पितृ शांति के लिए प्रसिद्ध है। अनुष्ठान यहाँ बहुत जल्दी फल देते हैं। विशेषतः कालसर्प योग निवारण पूजा के लिए यह स्थल अत्यधिक पवित्र माना गया है।

निष्कर्ष

कालसर्प योग जीवन में बहुत कठिनाइयाँ उत्पन्न करता है, लेकिन उसका समाधान संभव है। त्र्यंबकेश्वर में विधिपूर्वक पूजा न केवल इस योग के प्रभाव को कम करती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लायी है।

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लेखक: शिवेंद्र गुरु जी

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कालसर्प योग निवारण से जुड़े सामान्य प्रश्न

कालसर्प योग कब बनता है?

जब ये सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब कालसर्प योग बनता है।

क्या कालसर्प योग हमेशा सक्रिय रहता है?

नहीं, यह योग ग्रहों की दशा और गोचर पर निर्भर रहता है।

क्या कालसर्प योग पूजा से तुरंत लाभ होता है?

हाँ, पूजा के पश्चात मानसिक शांति और कार्यों की सफलता मिलनी शुरू हो जाती है।

पूजा का सबसे शुभ समय क्या है?

नाग पंचमी, अमावस्या और श्रावण मास के सोमवार पूजा बहुत ही शुभ मानी जाती है।

दोष हर व्यक्ति पर समान प्रभाव डालता है क्या?

नहीं, इसका प्रभाव जन्म कुंडली की स्थिति पर निर्भर करता है।

शिवलिंग पर अभिषेक करना लाभकारी है?

हाँ, दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाने से दोष का असर शिवलिंग पर कम होता है।

Reference:

https://www.abplive.com/astro/kaal-sarp-dosh-symptoms-kaalsarp-yog-remedies-rahu-ketu-effect-2666676

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