भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प योग एक बहुत ही महत्वपूर्ण और चर्चित दोष के रूप में गिना गया है। जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं तो यह योग बनता है। कालसर्प योग कई प्रकार के होते हैं और उनमें से एकमुखी प्रकार है विषधर कालसर्प योग। यह योग व्यक्ति के जीवन में कई कठिनाइयाँ, अवरोध और मानसिक तनाव उत्पन्न करता है।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि विषधर कालसर्प योग क्या है, इसके प्रभाव क्या होते हैं, इसके समाधान और पूजा विधि क्या है। साथ ही अंत में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) का भी उत्तर देंगे।

विषधर कालसर्प योग क्या है?
विषधर कालसर्प योग तब बनता है जब राहु 11वें भाव में और केतु 5वें भाव में स्थित होते हैं और शेष सभी ग्रह इनके बीच आ जाते हैं। यह योग विशेष रूप से धन, करियर और संतान सुख पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
इस योग से प्रभावित व्यक्ति को कभी अक्सर अपनी मेहनत का पूर्ण फल नहीं मिलता। जीवन में कई बार अचानक बड़ी बाधाएँ आती हैं और आर्थिक प्रगति में रुकावटें खड़ी होती हैं।
विषधर कालसर्प योग के प्रभाव
1. आर्थिक परेशानियाँ
इस योग से प्रभावित जातक को धन की कमी और कर्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति की आय स्थिर नहीं रहती और कई बार मेहनत के बावजूद लाभ नहीं मिल पाता।
2. करियर में बाधाएँ
नौकरी और व्यवसाय दोनों में संघर्ष की स्थिति रहती है। जातक को प्रमोशन में देरी या व्यापार में घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
3. पारिवारिक कलह
विषधर कालसर्प योग के कारण परिवार में सामंजस्य की कमी होती है। पति-पत्नी के संबंधों में तनाव और संतान सुख में भी विलंब हो सकता है।
4. मानसिक तनाव
इस योग के प्रभावित व्यक्ति को अक्सर मानसिक चिंता, असुरक्षा और आत्मविश्वास की कमी से जूझना पड़ता है।
5. सामाजिक सम्मान में कमी
व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त करने में कठिनाई होती है और कई बार विरोधियों की संख्या बढ़ जाती है।
विषधर कालसर्प योग के लक्षण
- बार-बार असफलता का सामना करना
- आर्थिक समस्याएँ लगातार बने रहना
- पारिवारिक जीवन में विवाद और कलह
- संतान से जुड़ी चिंताएँ
- मानसिक बेचैनी और अवसाद
विषधर कालसर्प योग के उपाय
1. मंत्र जाप
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप प्रतिदिन करना अत्यंत लाभकारी है।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी शुभ फल देता है।
2. भगवान शिव की पूजा
- सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।
3. नाग देवता की पूजा
- श्रावण मास में नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करना शुभ फल देता है।
4. कालसर्प दोष निवारण पूजा
- त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में विशेष कालसर्प दोष निवारण पूजा कराना इस योग का सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है।
त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा का महत्व
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, नासिक (महाराष्ट्र) में कालसर्प दोष निवारण पूजा का विशेष महत्त्व है। यहाँ की गई पूजा तुरंत शुभ परिणाम देने वाली मानी जाती है। यह पूजा विधिवत आचार्य के मार्गदर्शन में करने से व्यक्ति जीवन की कई कठिनाइयों से मुक्ति पा सकता है।
विषधर कालसर्प योग से मुक्ति के लाभ
- करियर और धन संबंधी रुकावटें दूर होती हैं।
- परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य बढ़ता है।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ते हैं।
- संतान सुख और दांपत्य जीवन में इम्प्रूवमेंट होता है।
- समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
निष्कर्ष
विषधर कालसर्प योग जीवन में विभिन्न प्रकार की चुनौतियाँ और मुश्किलों को लाता है। लेकिन सही उपाय, मंत्र जाप और विशेषकर त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष निवारण पूजा कराने से ये समस्याएँ से मुक्ति मिल जा सकती है।
अगर आप या आपका परिवार किसी को विषधर कालसर्प योग से असहज महसूस कराता है, तो सबसे उपयुक्त और अनुभवी आचार्य की मदद लेना आवश्यक है।
शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा कराने वाले उत्कृष्ट पंडितों में से एक हैं। उन्होंने विधिपूर्वक विधि से की गई पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव और शांति का अनुभव होता है।
लेखक: शिवेंद्र गुरु जी
सटीक और प्रामाणिक पूजा के लिए, शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित हैं। वर्षों के अनुभव और बेजोड़ आध्यात्मिक अनुशासन के साथ, वे सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक अनुष्ठान सटीकता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा के साथ किया जाए।
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विषधर कालसर्प योग से जुड़े सामान्य प्रश्न
विषधर कालसर्प योग कैसे और कब बनता है?
जब राहु 11वें स्थान पर और केतु 5वें स्थान पर हों और अन्य सभी ग्रह इनके बीच आ जाएँ, तब विषधर कालसर्प योग बन जाता है।
विषधर कालसर्प योग जीवनभर बना रहता है?
हाँ, यह योग कुंडली में बना रहता है, परंतु सही पूजा, उपाय और मंत्र जाप से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
विषधर कालसर्प योग का सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव क्या है?
इसका मुख्य प्रभाव धन और संतान सुख पर पड़ता है। साथ ही मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह भी बढ़ती है।
इस दोष का समाधान कहाँ किया जा सकता है?
त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में कालसर्प दोष निवारण पूजा कराना सबसे प्रभावी उपाय है।
क्या शिव पूजा से इसका असर कम होता है?
हाँ, भगवान शिव की पूजा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप इस दोष के नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम करता है।
Reference:
https://www.jagran.com/uttar-pradesh/agra-city-know-about-types-of-kaal-sarp-yog-19276768.html




