भारतीय ज्योतिष में कालसर्प दोष एक प्रमुख योग माना जाता है। जब किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं, तब कालसर्प योग बनता है। इसे अशुभ फलदायी माना जाता है और कहा जाता है कि यह योग व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, रुकावट, मानसिक अशांति और आर्थिक कठिनाइयाँ ला सकता है।
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मंत्रजप, विशेष पूजा, और ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं। इनमें से सबसे प्रभावी माना जाता है कालसर्प मंत्र का जप। यह मंत्र भगवान शिव और नाग देवता की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शक्तिशाली है।

कालसर्प मंत्र
कालसर्प दोष निवारण के लिए सामान्य रूप से निम्नलिखित मंत्र का जप किया जाता है –
“ॐ आस्तिकाय नमः”
या
“ॐ नमः शिवाय, सर्प दोष नाशाय, त्र्यम्बकाय नमः”
इन मंत्रों का नियमित जप करने से कालसर्प दोष के हानिकारक प्रभाव कम होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।
कालसर्प मंत्र का महत्व
मानसिक शांति
यह मंत्र व्यक्ति के मन और आत्मा को शांति प्रदान करता है।
आर्थिक स्थिरता
कालसर्प योग की वजह से होने वाली आर्थिक बाधाएँ दूर हो जाती हैं।
आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि
मंत्रजप से व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर उसे स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
भय और असुरक्षा का नाश
यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों और भय को समाप्त करता है।
सौभाग्य की प्राप्ति
निरंतर जप से सौभाग्य और सफलता प्राप्त होती है।
कालसर्प मंत्र जप विधि
- प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव के सामने दीपक जलाकर रुद्राक्ष की माला से मंत्र जप प्रारंभ करें।
- मंत्र का जप 108 बार अवश्य करें।
- सोमवार, नाग पंचमी, श्रावण मास और महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से मंत्र जप करना शुभ माना जाता है।
- पूजा में काले तिल, दूध, शहद और बेलपत्र चाहिए।
कालसर्प दोष के उपाय
- महामृत्युंजय मंत्र का जप।
- नाग देवता की पूजा और नाग पंचमी के दिन व्रत।
- पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना।
- कालसर्प दोष निवारण पूजा (विशेषकर त्र्यंबकेश्वर, नासिक में).
- योग्य गुरुजनों के मार्गदर्शन में पूजा-अर्चना करना।
कालसर्प दोष निवारण पूजा का महत्व
त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) कालसर्प दोष निवारण पूजा का प्रमुख स्थल है। यहाँ किए गए अनुष्ठान अत्यंत प्रभावी और शुभ फलदायी माने जाते हैं। अनेक श्रद्धालु यहाँ आकर कालसर्प दोष से मुक्ति पाते हैं।
निष्कर्ष
काल समर्प दोष जीवन में कठिनाइयाँ उत्पन्न करता है, किन्तु ठीक उपाय और मंत्रजप से इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। अगर आप कालसर्प दोष से ग्रस्त हैं तो त्र्यंबकेश्वर में विधिवत पूजा करना सबसे श्रेष्ठ उपाय है।
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लेखक: शिवेंद्र गुरु जी
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कालसर्प मंत्र से जुड़े सामान्य प्रश्न
कालसर्प दोष कब बनता है?
जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच फँस जाते हैं, तब कालसर्प दोष बनता है।
कालसर्प मंत्र कब जपना चाहिए?
प्रातःकाल, सोमवार और नाग पंचमी के दिन इसका जप सबसे प्रभावी माना जाता है।
कालसर्प दोष का प्रभाव किन क्षेत्रों में दिखता है?
करियर, विवाह, स्वास्थ्य, संतान सुख और आर्थिक जीवन पर इसका प्रभाव दिखता है।
क्या कालसर्प दोष का स्थायी समाधान है?
हाँ, त्र्यंबकेश्वर में विधिवत पूजा और मंत्रजप से इसका प्रभाव काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है।
कालसर्प दोष पूजा किसी से करवाए?
यह पूजा अनुभवी और विद्वान गुरुजनों के ही द्वारा करानी चाहिए।
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