पितृ दोष कैसे बनता है? सम्पूर्ण जानकारी
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को एक बहुत ही महत्वपूर्ण और गम्भीर दोष के रूप में माना गया है। यह […]
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को एक बहुत ही महत्वपूर्ण और गम्भीर दोष के रूप में माना गया है। यह […]
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष का अपना विशेष महत्व है। यह दोष तब प्राप्त होता है जब कुंडली में
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। यह पूजा वेदों में वर्णित सबसे शक्तिशाली अनुष्ठानों
भगवान शिव को समर्पित रुद्राभिषेक पूजा वैदिक परंपरा की सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली पूजाओं में से एक मानी जाती है।
रुद्राक्ष को भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है। संस्कृत में ‘रुद्र’ का अर्थ भगवान शिव और ‘अक्ष’ का अर्थ
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष एक अधिक महत्वपूर्ण योग समझा गया है। यह दोष तब बनता है जब राहु और
भारतीय ज्योतिष में कालसर्प दोष एक प्रमुख योग माना जाता है। जब किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प योग को आम तौर पर अशुभ माना जाता है, परंतु यह सच्चाई अधूरी है। असल में,
हिंदू धर्म और आध्यात्मिक परंपरा में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। “रुद्र” का शाब्दिक अर्थ भगवान शिव और “अक्ष” का
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह दोष उन समयों बनता है जब जन्मकुंडली के