कालसर्प योग कितने समय तक रहता है

कालसर्प योग कितने समय तक रहता है?

भारतीय ज्योतिष में कालसर्प योग को एक प्रमुख और प्रभावी दोष के रूप में माना गया है। जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब यह योग बनता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में कई उतार-चढ़ाव, संघर्ष और मानसिक तनाव लाने वाला माना जाता है। लेकिन हमेशा एक सवाल लोगों के मन में उठता है कालसर्प योग कितने समय तक रहता है? आइए विस्तार से समझते हैं।

कालसर्प योग कितने समय तक रहता है

कालसर्प योग का प्रभाव और समय

स्थायी प्रभाव जन्मकुंडली में

यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में कालसर्प योग है, तो इसका असर पूरी जिंदगी तक बना रहता है। यह व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और जीवन की दिशा को प्रभावित करता है। हालांकि, इसका प्रभाव हर समय समान रूप से नहीं होता।

ग्रहों की दशा और गोचर से प्रभाव

कालसर्प योग का प्रभाव मुख्य रूप से राहु और केतु की महादशा, अंतरदशा और गोचर के दौरान ज्यादा मजबूत होता है। इस समय व्यक्ति को ज्यादा संघर्ष, बाधा, और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है।

आयु के अनुसार प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो 33 वर्ष की उम्र के बाद इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम होना शुरू होता है। लेकिन इसका यह कदापि अर्थ नहीं है कि यह योग समाप्त हो जाता है। बल्कि इसकी गंभीरता कम होती है और व्यक्ति को राहत आने लगती है।

पुजाओं और उपायों से प्रभाव की कमी

यदि उचित पूजा, मंत्र जाप और उपाय किए जाएं, तो कालसर्प योग के नकारात्मक प्रभाव काफी हद तक कम हो जाते हैं। खासतौर पर त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में कालसर्प दोष निवारण पूजा को अत्यंत प्रभावी माना गया है।

कालसर्प योग की अवधि को प्रभावित करने वाले कारक

  • जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति
  • राहु-केतु की दशा और गोचर
  • व्यक्ति की कर्मभूमि और जीवनशैली
  • पूजा-पाठ और उपायों का प्रभाव

अगर व्यक्ति अपने जीवन में धर्म, पूजा-पाठ और अच्छे कार्य करता है, तो इस योग का प्रभाव बहुत हद तक कम हो जाता है। 

  कालसर्प योग से होने वाले प्रमुख प्रभाव

  • विवाह में विलंब या समस्याएँ
  • संतान सुख में बाधा
  • नौकरी या व्यवसाय में असफलता
  • मानसिक तनाव और भय
  • अचानक होने वाली परेशानियाँ

कालसर्प योग से मुक्ति कैसे पाएं?

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष निवारण पूजा

यह पूजा विशेषत: प्रभावी मानी जाती है। इस पूजा से व्यक्ति के जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप

अर्थात् भगवान शिव की आराधना से राहु-केतु शांत होते हैं और कालसर्प योग का प्रभाव कम होता है।

 मंत्र जाप

  • ॐ नमः शिवाय
  • महामृत्युंजय मंत्र
  • राहु और केतु के विशेष मंत्र

दान और सेवा

राहु-केतु को प्रसन्न करने के लिए तिल, उड़द, कम्बल, जूते आदि का दान करना चाहिए।

निष्कर्ष

नक्षत्रों में कालसर्प योग व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, परेशानियाँ और मनोभाव अशांति ला सकता है। यह जीवन भर असर करता है, लेकिन पूजा, मंत्र जाप और उचित उपायों से इसका प्रभाव बहुत हद तक कम हो सकता है। विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर में की जाने वाली कालसर्प दोष निवारण पूजा अत्यंत लाभकारी है।

यदि आप कालसर्प योग से मुक्ति चाहते हैं, तो त्र्यंबकेश्वर के प्रसिद्ध विद्वान और अनुभवी आचार्य पंडित शिवेंद्र गुरु जी से संपर्क करना सबसे श्रेष्ठ है। वे अपने अनुभव और विद्वता से हजारों लोगों की जीवन की कठिनाइयों को दूर कर चुके हैं और कालसर्प पूजा के लिए सबसे विश्वसनीय नाम माने जाते हैं।

लेखक: शिवेंद्र गुरु जी

सटीक और प्रामाणिक पूजा के लिए, शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित हैं। वर्षों के अनुभव और बेजोड़ आध्यात्मिक अनुशासन के साथ, वे सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक अनुष्ठान सटीकता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा के साथ किया जाए।

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कालसर्प योग से जुड़े सामान्य प्रश्न

क्या कालसर्प योग जीवनभर रहता है?

हाँ, अगर यह जन्मकुंडली में हुआ है तो इस जीवन में इसका प्रभाव बना रहता है, लेकिन समय और उपायों के साथ इसकी आवृत्ति कम होती है।

समाप्त हो जाता है 33 साल के बाद?

यह समाप्त नहीं होता, लेकिन इसमें समय के साथ प्रभाव कम होता जाता है।

कालसर्प योग से पूरी तरह से छुटकारा मिल सकता है?

पूजा और उपायों से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है, जिससे जीवन में सुख-शांति आती है।

कालसर्प योग की पूजा कहाँ सबसे प्रभावी होती है?

त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) में की गई कालसर्प दोष निवारण पूजा सबसे प्रभावी मानी जाती है।

पूजा कब करनी चाहिए?

 अधिकतर नागपंचमी, श्रावण मास और अमावस्या के दिन यह पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है।

Reference:

https://www.jagran.com/spiritual/religion-kulik-kaal-sarp-dosh-do-these-easy-remedies-to-get-rid-of-anant-kaal-sarp-yog-23854820.html

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