पितृ दोष क्या होता है

पितृ दोष क्या होता है? कारण, लक्षण और निवारण

हिंदू धर्म में पितृ दोष की विशेष भूमिका है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति के पूर्वज (पितृ) संतुष्ट नहीं होते या उन्हें उचित श्राद्ध, तर्पण तथा पिंडदान नहीं मिलता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में सूर्य, चंद्रमा, राहु और शनि जैसे ग्रह विशेष स्थिति में आ जाते हैं, तब भी पितृ दोष बनता है। यह दोष परिवार में बाधाएँ, आर्थिक संकट, मानसिक अशांति और संतान से संबंधित समस्याएँ उत्पन्न करता है।

पितृ दोष क्या है?

पितृ दोष का अर्थ पूर्वजों की आत्मा की असंतुष्टि। जब पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान सही विधि से नहीं किया जाता, या उनके अपमान से उनकी आत्मा अशांत रहती है, तो वह दोष संतान की कुंडली में दिखाई देता है।

पितृ दोष के कारण

श्राद्ध और तर्पण न करना 

 पूर्वजों को उचित विधि से जल अर्पण न करना।

पूर्वजों का अपमान 

 पितरों का अनादर या अपमान करना।

कुंडली में ग्रह स्थिति 

 सूर्य, चंद्रमा और राहु/शनि की विशेष स्थिति।

अकाल मृत्यु 

 परिवार में किसी सदस्य की अकाल मृत्यु होना।

पाप कर्म 

 पूर्वजों या खुद के गलत कर्म भी इसका कारण बन सकते हैं।

पितृ दोष के लक्षण

  1. परिवार में बार-बार झगड़े और अशांति।
  2. संतान सुख में बाधा।
  3. विवाह में देरी।
  4. आर्थिक तंगी और नौकरी-व्यापार में रुकावट।
  5. घर में बार-बार बीमारियाँ या दुर्घटनाएँ।
  6. मानसिक चिंता और असफलता का भार।

पितृ दोष के निवारण के उपाय

श्राद्ध और तर्पण 

 अमावस्या और पितृपक्ष में श्राद्ध व तर्पण अवश्य करें।

पिंडदान 

 गया जी, त्र्यंबकेश्वर और वाराणसी जैसे तीर्थस्थलों पर पिंडदान करें।

पितृ पूजा 

 हर अमावस्या को पितरों को जल और अन्न अर्पित करें।

दान-पुण्य 

 जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और दक्षिणा दें।

मंत्र जाप 

 ॐ पितृभ्यः नमः मंत्र का जाप करें।

विशेष अनुष्ठान

 कराएं त्र्यंबकेश्वर मंदिर में ज्ञानी पंडितों द्वारा पितृ दोष निवारण पूजा।

पितृ दोष निवारण पूजा विधि

  1. शुभ मुहूर्त के समय को देखकर शुरुआत करें। 
  2. स्नान करें पवित्र नदी या तीर्थ में।
  3. जल, तिल और अन्न का आहार अर्पण करें पितरों को।
  4. ब्राह्मणों को खाना और दान चढ़ाएं।
  5. वैदिक मंत्रों से पितृ दोष निवारण यज्ञ और हवन करें।

त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) पितृ दोष निवारण पूजा का सबसे प्रमुख बिंदु माना जाता है।

पितृ दोष निवारण के लाभ

  1. सुख-शांति परिवार में आती है।
  2. संतान सुख प्राप्त होता है।
  3. विवाह संबंधी बाधाएँ दूर हो जाती हैं।
  4. आर्थिक संकट से मुक्ति प्राप्त होती है।
  5. घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  6. पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

पितृ दोष व्यक्ति के जीवन में तरह-तरह की समस्याएँ लाता है – आर्थिक संकट, संतान सुख में बाधा और मानसिक तनाव। परन्तु इसका सही निवारण श्राद्ध, तर्पण, दान और विशेष पूजा से मुमकिन है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पितृ दोष निवारण सबसे कारगर माना गया है।

यदि आप पितृ दोष या कालसर्प दोष से परेशान हैं, तो शिवेंद्र गुरु जी, त्र्यंबकेश्वर के सबसे अनुभवी और विद्वान पंडित, आपके लिए सर्वोत्तम विकल्प हैं। वे वैदिक विधि से पितृ दोष और कालसर्प दोष निवारण पूजा कराते हैं, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।

लेखक: शिवेंद्र गुरु जी

सटीक और प्रामाणिक पूजा के लिए, शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित हैं। वर्षों के अनुभव और बेजोड़ आध्यात्मिक अनुशासन के साथ, वे सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक अनुष्ठान सटीकता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा के साथ किया जाए।

इंस्टाग्राम पर मुझसे बेझिझक जुड़ें और प्रामाणिक अनुष्ठानों और मन की शांति के लिए नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में एक अनुभवी और जानकार पंडित से अपनी कालसर्प दोष शांति पूजा बुक करें।

पितृ दोष से जुड़े सामान्य प्रश्न

पितृ दोष क्या होता है?

जब पूर्वजों की आत्मा संतुष्ट नहीं होती या कुंडली में विशेष ग्रह स्थिति बनती है, तब पितृ दोष बनता है।

पितृ दोष का सबसे बड़ा कारण क्या है?

श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान न करना इसका मुख्य कारण है।

पितृ दोष कब बनता है?

जब कुंडली में सूर्य-चंद्रमा राहु/शनि से पीड़ित हों या पूर्वज अशांत हों।

पितृ दोष कैसे निवारण किया जा सकता है?

श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और विशेष पूजा से इसका निवारण किया जा सकता है।

पितृ दोष पूजा के लिए सबसे पवित्र स्थल कौन-सा है?

त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) पितृ दोष निवारण पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ स्थल है।

Reference:

https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%83_%E0%A4%A6%E0%A5%8B%E0%A4%B7#:~:text=%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%AE%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%20%E0%A4%9C%E0%A4%AC%20%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%20%E0%A4%94%E0%A4%B0,%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Message us
Scroll to Top