रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक – महत्व, विधि और लाभ

हिंदू धर्म में भगवान शिव को सर्वोच्च देवता के रूप में माना गया है। वे त्रिदेवों में संहारकर्ता हैं और भक्तों के लिए कल्याणकारी, सरल और दयालु रूप में पूजित होते हैं। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अनेक पूजा-पाठ और अनुष्ठान बताए गए हैं, जिनमें से एक अत्यंत प्रभावशाली अनुष्ठान है – रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक का महत्व शिवपुराण, वेदों और पुराणों में विस्तारपूर्वक वर्णित है। यह पूजा केवल भौतिक सुख-संपत्ति ही नहीं देती है, बल्कि जीवन की समस्त बाधाएँ, ग्रह दोष और मानसिक अशांति को भी दूर करती है।

रुद्राभिषेक क्या है?

रुद्राभिषेक पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है जिसमें भगवान शिव का जल, दूध, शहद, घृत, गंगाजल, बेलपत्र आदि पवित्र द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। इस प्रक्रिया के समय रुद्रसूक्त, शिव मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।

इस पूजा में भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है और जीवन में शांति, समृद्धि एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

रुद्राभिषेक का महत्व

भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जीवन की नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त होती हैं।

ग्रह दोषों, विशेषकर कालसर्प दोष, पितृ दोष और मांगलिक दोष से मुक्ति मिलती हैं।

व्यापार, करियर और आर्थिक उन्नति में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।

मानसिक शांति और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

रुद्राभिषेक कब करना चाहिए?

रुद्राभिषेक का आयोजन विशेष पर्वों और शुभ अवसरों पर किया जाता है।

महाशिवरात्रि पर

सावन के महीने में

सोमवार के दिन

प्रदोष व्रत पर

जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ या विशेष इच्छाओं की पूर्ति के लिए

रुद्राभिषेक की विधि

रुद्राभिषेक पूजा योग्य और अनुभवी पंडित की देखरेख में ही करनी चाहिए। इसकी विधि निम्नलिखित है –

संकल्प एवं आह्वान 

 पूजा प्रारंभ करने से पहले संकल्प लिया जाता है।

कलश स्थापना 

 कलश में गंगाजल भरकर उसका पूजन किया जाता है।

मंत्रोच्चार 

 रुद्रसूक्त, शिव मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप होता है।

अभिषेक सामग्री 

 गंगाजल, शहद, घी, दूध, दही, फूलों से और शिवलिंग का शहद से अभिषेक किया जाता है।

आरती एवं प्रसाद वितरण 

 अंत में प्रसाद वितरित कर आरती करके समापन किया जाता है।

रुद्राभिषेक के प्रकार

रुद्राभिषेक कई प्रकार से किया जाता है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं –

एकादश रुद्राभिषेक 

 11 बार रुद्रसूक्त का जाप करके किया जाता है।

लगातार रुद्राभिषेक 

विशेष अवसर पर लगातार कई घंटों तक।

महामृत्युंजय रुद्राभिषेक 

आयु वृद्धि और बीमारियों से बचाव के लिए।

लग्नानुसार रुद्राभिषेक 

 व्यक्ति की कुंडली और ग्रह स्थिति को देखकर।

रुद्राभिषेक के फायदे

  • ग्रह दोष ध्वन्स 

खासकर कालसर्प दोष, पितृ दोष और मांगलिक दोष ध्वंस होते हैं।

  • धन और समृद्धि 

आर्थिक समृद्धि होती है।

  • स्वास्थ्य लाभ 

बीमारियों से छुटकारा और दीर्घायु प्राप्त होती है।

  • शत्रु नाश 

नकारात्मक शक्तियाँ और शत्रु नष्ट होते हैं।

  • मानसिक शांति 

 तनाव, भय और चिंता समाप्त होती है।

  • पारिवारिक सौहार्द 

घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व

रुद्राभिषेक केवल एक पूजा नहीं बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है। इसके द्वारा व्यक्ति भगवान शिव की कृपा प्राप्त करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रुद्राभिषेक

अभिषेक को आधुनिक दृष्टिकोण से देखने पर रुद्राभिषेक से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। मंत्रोच्चारण से उत्पन्न ध्वनि तरंगें मन और मस्तिष्क पर ज्ञानवर्धक प्रभाव छोड़ती हैं। इसके अलावा, अभिषेक में उपयोग की जाने वाली प्राकृतिक सामग्री (जैसे, दूध, शहद, घी, गंगाजल) स्वास्थ्यवर्धक और शुद्धिकारी होती है।

निष्कर्ष

रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक बहुत ही प्रभावशाली और पवित्र अनुष्ठान है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

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लेखक: शिवेंद्र गुरु जी

रुद्राभिषेक

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रुद्राभिषेक से जुड़े सामान्य प्रश्न

रुद्राभिषेक कब करना सबसे शुभ होता है?

सावन मास, महाशिवरात्रि और सोमवार को रुद्राभिषेक करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

रुद्राभिषेक कौन कर सकता है?

यह पूजा योग्य और अनुभवी पंडित द्वारा की जानी चाहिए।

रुद्राभिषेक में किन सामग्रियों का उपयोग होता है?

दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, पुष्प, चंदन, धूप और फल का उपयोग किया जाता है।

रुद्राभिषेक से कौन-कौन से दोष दूर होते हैं?

कालसर्प दोष, पितृ दोष, मांगलिक दोष और ग्रह शांति के लिए यह बहुत प्रभावी है।

रुद्राभिषेक से कार्यक्षेत्र और व्यवसाय में क्या लाभ होता है?

हाँ, रुद्राभिषेक से कार्यक्षेत्र और व्यवसाय में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और सफलता मिलती है।

Reference :

https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/religion-rituals/festivals-and-fasts/rudrabhishek-puja-vidhi-and-mantra-in-hindi/articleshow/122814860.cms

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