भगवान शिव को समर्पित रुद्राभिषेक पूजा वैदिक परंपरा की सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली पूजाओं में से एक मानी जाती है। यह पूजा विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए सुख-समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। रुद्राभिषेक करने से जीवन में सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, ग्रह दोष और पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
इस पोस्ट में हम विस्तार से समझेंगे कि रुद्राभिषेक पूजा क्या है, इसे कैसे किया जाता है, इसमें कौन-कौन सी सामग्री लगती है और इसके फायदे क्या हैं।

रुद्राभिषेक पूजा क्या है
- रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की आराधना का विशेष अनुष्ठान है।
- इसमें वैदिक मंत्रों, विशेष रूप से रुद्र सूक्त और शिव मंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग पर विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है।
- इसका मकसद भगवान शिव को प्रसन्न करके उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करना है।
रुद्राभिषेक पूजा के लाभ
- जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- पितृ दोष, कालसर्प दोष और ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है।
- मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
- धन, समृद्धि और सफलता के मार्ग खुलते हैं।
- परिवार में सुख-शांति और सौहार्द्र बढ़ता है।
- लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
रुद्राभिषेक पूजा सामग्री
- जल (गंगाजल या शुद्ध जल)
- दूध, दही, शहद, घी, शक्कर (पंचामृत)
- बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक का फूल
- चंदन, केसर, अक्षत (चावल)
- धूप, दीप, कपूर
- फल, फूल और नैवेद्य
रुद्राभिषेक पूजा विधि
1. संकल्प
- पूजा शुरू करने से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
- पूर्वजों और देवताओं का स्मरण कर संकल्प लें।
2. शिवलिंग का शुद्धिकरण
- सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएँ।
- इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें।
3. अभिषेक सामग्री अर्पण
एक कागज़ पर शुद्ध जल से शिवलिंग बनाएँ।
तितली के फूलों का अर्पण करें।
क्रमशः जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल चढ़ाएँ।
चंदन, बेलपत्र, पुष्प और धूप-दीप अर्पण करें।
4. मंत्र जाप
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें:
- ॐ नमः शिवाय
- महामृत्युंजय मंत्र
- रुद्र सूक्त
5. आरती और प्रसाद
- अंत में शिव जी की आरती करें।
- प्रसाद वितरित करें और भगवान से आशीर्वाद लें।
रुद्राभिषेक के विशेष अवसर
- सोमवार को
- श्रावण मास में
- महाशिवरात्रि पर
- ग्रहण या विशेष योगों के समय
निष्कर्ष
रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की आराधना करने का बेहतरीन तरीका है। इसमें मन और आत्मा को शांति के साथ-साथ जीवन में धन, सफलता और स्वास्थ्य की भी प्राप्ति होती है।
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लेखक: शिवेंद्र गुरु जी
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रुद्राभिषेक पूजा विधि से जुड़े सामान्य प्रश्न
रुद्राभिषेक पूजा कब करनी चाहिए?
सोमवार, श्रावण मास और महाशिवरात्रि रुद्राभिषेक के लिए सबसे शुभ होते हैं।
क्या रुद्राभिषेक घर पर किया जा सकता है?
हाँ, घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन सबसे उत्तम मंदिर या तीर्थस्थल पर करना होता है।
रुद्राभिषेक में कौन सा मंत्र सबसे महत्वपूर्ण है?
“ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं।
क्या रुद्राभिषेक से पितृ दोष या कालसर्प दोष निवार्त होता है?
हाँ, यह पूजा जीवन से नकारात्मक ऊर्जा और दोषों का प्रभाव कम करती है।
रुद्राभिषेक कराने के लिए किसे चुनना चाहिए?
अनुभवी और योग्य पंडित के मार्गदर्शन में ही यह पूजा करनी चाहिए।
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