ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष को बहुत शक्तिशाली और जीवन को प्रभावित करने वाला दोष किया गया है। जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच जन्म कुंडली में आ जाते हैं, तब कालसर्प दोष का निर्माण होता है। इसके कई रूप हैं, उनमें से एक तक्षक कालसर्प दोष है। यह दोष जीवन में कई कठिनाइयाँ, मन का तनाव और बाधाएँ उत्पन्न करता है। इस दोष के सिद्धि के लिए विशेष पूजा की जाती है जिसे तक्षक कालसर्प दोष पूजा के नाम से जाना जाता है।

तक्षक कालसर्प दोष क्या है?
तक्षक कालसर्प दोष तब होता है जब राहु आठवें भाव में और केतु दूसरे भाव में हों और बाकी ग्रह इनके मध्य में आ जाएं। इस स्थिति में जातक को तात्कालिक घटनाओं, परिवारिक विवादो, मानसिक तनाव और आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। यह दोष जीवन को अस्थिर कर देता है और जातक को बहुत ही जीवनभर संघर्ष की स्थिति में डाल देता है।
तक्षक कालसर्प दोष के लक्षण
1. तरता हानि या निवेश में नुकसान।
2. मानसिक अस्थिरता और बेचैनी।रास्ता
3. परिवार जीवन में कलह और असहमति।
4. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे तनाव, सिरदर्द, अनिद्रा।
5. करियर में बाधाएँ और अस्थिरता।
6. निर्णय लेने में मुश्किल और आत्मविश्वास की कमी।
तक्षक कालसर्प दोष पूजा का महत्व
इस पूजा के बाद राहु-केतु के विपरीत प्रभाव कम होते हैं।
जातक के जीवन में शांति और स्थिरता का आवरण आता है।
परिवारिक विवाद और मानसिक तनाव समाप्त हो जाते हैं।
अचानक आती कठिनाइयाँ और विपत्तियाँ दूर हो जाती हैं।
जीवन में समृद्धि, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
तक्षक कालसर्प दोष पूजा की विधि
1. स्थान
यह पूजा त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) में विशेष रूप से की जाती है।
2. तैयारी
जातक को स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करना चाहिए।
3. संकल्प
पंडित जी पूजा के प्रारंभ में संकल्प दिलाते हैं।
4. पूजन सामग्री
नाग-नागिन की प्रतिमा, दूध, घी, शहद, पुष्प, बेलपत्र, अक्षत आदि।
5. मंत्र जाप
राहु और केतु के मंत्रों के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।
6. होम-हवन
पूजा के अंत में हवन और आहुति दी जाती है।
7. दान
गरीबों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करना अनिवार्य होता है।
तक्षक कालसर्प दोष पूजा के लाभ
पारिवारिक जीवन में शांति और समरसता फैलती है।
आर्थिक संकट दूर हो जाकर स्थिरता प्राप्त होती है।
स्वास्थ्य में बेहतरी और मानसिक शांति मिलती है।
करियर और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
जीवन में बाधाएँ कम होती हैं और सकारात्मकता बढ़ती है।
तक्षक कालसर्प दोष से बचाव के उपाय
भगवान शिव की आराधना प्रतिदिन करें।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएँ।
दान करें राहु-केतु ग्रह की शांति के लिए।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
निष्कर्ष
तक्षक कालसर्प दोष जीवन में बहुत सारी कठिनाइयाँ पैदा करता है, पर उचित विधि से की गई पूजा इसके प्रभाव को कम कर सकती है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर इस पूजा के लिए सबसे बढ़िया स्थान माना गया है। यदि आप तक्षक कालसर्प दोष पूजा करवाना चाहते हैं, तो शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर के सबसे अनुभवी और विश्वसनीय पंडित हैं। उनके मार्गदर्शन में की गई पूजा से निश्चित रूप से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं और जीवन में शांति व समृद्धि आती है।
लेखक: शिवेंद्र गुरु जी
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तक्षक कालसर्प दोष पूजा से जुड़े सामान्य प्रश्न
तक्षक कालसर्प दोष किन लोगों की कुंडली में बनता है?
यह दोष वहीं बनता है जब राहु आठवें भाव में और केतु दूसरे भाव में हों और सभी ग्रह इनके बीच में हों।
तक्षक कालसर्प दोष पूजा कहाँ करना सबसे उत्तम है?
यह पूजा नासिक, महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में करना सबसे शुभ और प्रभावी माना जाता है।
कितना समय लगता है इस पूजा में?
यह पूजा आम तौर पर 2-3 घंटे चलती है।
पूजा करने के लिए क्या सामग्री की आवश्यकता होती है?
नाग-नागिन प्रतिमा, दूध, दही, घी, शहद, पुष्प, बेलपत्र, अक्षत, नारियल और दक्षिणा।
पूजा करने के बाद तुरंत फायदा होता है?
हाँ, पूजा के बाद व्यक्ति जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और मानसिक शांति का अनुभव करता है।
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