भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को बहुत ही प्रभावशाली और महत्वपूर्ण माना गया है। जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब कालसर्प दोष का निर्माण होता है। इस दोष के कई रूप होते हैं, जिनमें से वासुकी कालसर्प दोष बहुत ही विशेष रूप से प्रभावशाली माना गया है।
इस दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, पारिवारिक विवाद, आर्थिक कठिनाइयाँ और विवाह में बाधाएँ देखने को मिलती हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि वासुकी कालसर्प दोष क्या है, इसके लक्षण, प्रभाव और उपाय क्या हैं।

वासुकी कालसर्प दोष क्या है?
यदि राहु तृतीय भाव और केतु नवम भाव में फंसे होते हैं और अन्य सभी ग्रह इनके बीच फंसे होते हैं, तो वासुकी कालसर्प दोष बनता है।
कालसर्प दोष विशेष रूप से बंधु, साहस, भाग्य, पिता, धर्म से जुड़े जीवन क्षेत्रों को प्रभावित करता है।
वासुकी कालसर्प दोष के लक्षण
- भाइयों-बहनों के साथ संबंधों में तनाव या दूरी।
- साहस की कमी और हर काम में दहाड़ भरे भय का अनुभव।
- भाग्य की साथ न मिलना, बार-बार असफलता का सामना करना।
- धार्मिक गतिविधियों और पितृ आशीर्वाद से वंचित रहना।
- पिता से मतभेद या स्वास्थ्य संबंधी परेशानी।
- जीवन में अचानक बाधाएँ और योजनाओं का असफल होना।
वासुकी कालसर्प दोष के प्रभाव
पारिवारिक कलह
भाइयों-बहनों और रिश्तेदारों से अनबन।
धन और भाग्य में रुकावट
प्रयास के बावजूद आर्थिक स्थिरता न मिलना।
करियर में असफलता
बार-बार नोकरी बदलना या प्रमोशन में देरी।
विवाह में समस्या
शादी में देरी या दांपत्य जीवन में तनाव।
स्वास्थ्य समस्या
मानसिक तनाव, कमजोरी और रोगों का भय।
वासुकी कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय
ज्योतिष में इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं।
कालसर्प दोष निवारण पूजा –
- यह पूजा त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में सबसे प्रभावी मानी जाती है।
- विधिवत पूजा करने से राहु-केतु की शांति होती है।
मंत्र जाप –
- महामृत्युंजय मंत्र, राहु बीज मंत्र और केतु बीज मंत्र का जाप करें।
रुद्राभिषेक –
- भगवान शिव का अभिषेक दूध, जल, शहद और बेलपत्र से करें।
दान-पुण्य –
- काले तिल, उड़द, नीले वस्त्र और लोहे का दान करें।
नाग पंचमी का व्रत –
- नागदेवता की पूजा और व्रत रखने से भी दोष का प्रभाव कम होता है।
वासुकी कालसर्प दोष में क्या न करें
- अहंकार और क्रोध से बचें।
- परिवार में मतभेद न बढ़ाएं।
- धर्म और कर्मकांड की अवहेलना न करें।
- झूठ और कपट से दूर रहें।
वासुकी कालसर्प दोष से संभावित लाभ
हालांकि इसे सामान्यतः नकारात्मक माना जाता है, लेकिन यह योग व्यक्ति को गहरे आध्यात्मिक अनुभव, धार्मिक झुकाव और कठिन परिस्थितियों में दृढ़ बनने का अवसर भी देता है।
निष्कर्ष
वासुकी कालसर्प दोष जीवन में कई समस्याएँ लाता है, खास तौर पर परिवार, भाग्य और विवाह के संबंधित मामलों में। परंतु, उचित तरीके और पूजा से इसके दुष्कर्म को ठीक करने की संभावना काफी हद तक बनती है।
अगर आप वासुकी कालसर्प दोष के शिकार हैं, तो त्र्यंबकेश्वर में अनुभवी पंडित से पूजा अवश्य करवाएँ।
शिवेंद्र गुरु जी को त्र्यंबकेश्वर में त्र्यंबकेश्वर कल्याणमित्र कल्याण संघ के प्रमुख पीठाधिपति और त्र्यंबकेश्वर कल्याणमित्र मंदिर के कल्याणकारी पीठाधिपति के रूप में जाना जाता है। उनकी तयारियों और विधिवत पूजा से जीवन में सुख-शांति और सफलता प्राप्त होती है।
लेखक: शिवेंद्र गुरु जी
सटीक और प्रामाणिक पूजा के लिए, शिवेंद्र गुरु जी त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित हैं। वर्षों के अनुभव और बेजोड़ आध्यात्मिक अनुशासन के साथ, वे सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक अनुष्ठान सटीकता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा के साथ किया जाए।
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वासुकी कालसर्प दोष से जुड़े सामान्य प्रश्न
वासुकी कालसर्प दोष कब बनता है?
जब राहु तृतीय भाव और केतु नवम भाव में हों और सभी ग्रह इनके बीच आ जाएँ, तब यह दोष बनता है।
इस दोष का जीवन पर क्या असर होता है?
भाइयों से विवाद, भाग्य का साथ न मिलना, पिता से मतभेद और विवाह में बाधाएँ।
क्या यह दोश पूरी तरह नष्ट हो सकता है?
विधिवत पूजा, मंत्र जाप और दान-पुण्य से इसका प्रभाव कम हो सकता है।
वासुकी कालसर्प दोष का निवारण कहाँ सबसे आत्मविश्वास जगाता है?
त्र्यंबकेश्वर मंदिर, नासिक में की गई पूजा सबसे आत्मविश्वास जगाती मानी जाती है।
पूजा करने से ही कम होता है?
पूजा के अलावा सकारात्मक सोच, धार्मिक आचरण और सही जीवनशैली अपनाना भी आवश्यक है।
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